प्रॉपर्टी के लिए सोशल मीडिया पर बदनाम हुआ बेटा ,सच और झूठ के जाल में कुछ यूँ उलझा एक परिवार

प्रॉपर्टी के लिए सोशल मीडिया पर बदनाम हुआ बेटा ,सच और झूठ के जाल में कुछ यूँ उलझा एक परिवार

कहते हैं घर के मसलों को घर में ही सुलझाना चाहिये किसी तीसरे की मोजुदगी नाजुक रिश्तों को खगोल कर रख देती है। आज के दौर में जब घर के मसले सोशल मीडिया पर आते हैं तो कोई तीसरा नहीं बल्कि अब हज़ारों – करोड़ों लोग बीच में आजाते हैं , और लोगों की इस भीड़ में गायब होता है ‘सच’ .

ऐसा ही एक घर का मसला आया सोशल मीडिया पर जहाँ एक बेचारी माँ ने अपने बेटे पर इलज़ाम लगाया की उसका बेटा उसको ना अपनाता है और ना ही घर बुलाता है। और बस फिर क्या था , वर्चुअल कचेहरी लगती है और बेटे को दोषी करार दे दिया जाता है।

लेकिन जैसा की हमने बताया भीड़ में गायब होजाता है ‘सच’ ।

जब बेबाक की रिपोर्टर रुचिका राणा ने पुरे मामले की पड़ताल के लिए  केस से जुड़े लोग यानि गुरप्रीत सिंह की माँ – तेजिंदर कौर, उनका ममेरा भाई मनमोहन सिंह से बात करने की कोशिश की तो कुछ सफलता हाथ नहीं आई क्यूंकि दोनों ने फ़ोन पर बात करने से मना कर दिया।

इस बिच गुरप्रीत सिंह से बात हुई और उनके पक्ष की बातें रखते हुए उन्होंने बताया की किस तरह प्रॉपर्टी हथियाने के लिए उनकी माँ को मोहरा बनाया जा रहा है।

गुरप्रीत सिंह के मुताबिक़ उनका एक घर लुधियाना में था जिसके आसपास 15 साल पहले , जब प्रॉपर्टी ख़रीदी गयी तब सिर्फ खेत थे और एक – दो घर।

मामला तब बिगड़ा जब वहां एक स्कूल बनना शुरू हुआ जिसके चलते सारी परेशानियां शुरू हुईं। गुरप्रीत बताते हैं की स्कूल के एम् डी द्वारा उन्हें घर खाली करने की हिदायत दी गयी जो गुरप्रीत को मंजुर नहीं थी। इसके बाद ज़मीन हथियाने के लिए गुरप्रीत के परिवार को कई तरीकों से हरास किया गया और उनके घर पर बिना इजाज़त स्कूल के बोर्ड लगवाए गए जिससे घर को स्कूल का हिस्सा बताया गया। गुरप्रीत के मुताबिक़ उन्होंने पुलिस कंप्लेंट भी करी जिसके बाद घर के बाहर बोर्ड हटवा दिया गया लेकिन हरास्मेंट खत्म नहीं हुई , घर का सीवरेज तक बंद करा दिया गया , इन सब के चलते गुरप्रीत को मजबुरन घर छोड़ कर मोहाली में शिफ्ट होना पड़ा , गुरप्रीत बताते हैं की उनका घर तुड़वाने की बात की जा रही थी स्कूल के एम् डी द्वारा ये कह कर की ईमारत पुरानी है बच्चों को नुक्सान पहुँच सकता है लेकिन गुरप्रीत के मुताबिक उनका घर इतना पुराना नहीं है की उसे ढाया जाए।

गुरप्रीत बताते हैं की उनके घर की कीमत नोटबंदी से पुर्व 1. 35 करोड़ रूपए थी और उनकी प्रॉपर्टी पर उनके ममरे भाई मनमोहन की नज़र है, वो कहते हैं की उनकी माँ को ब्लैकमेल कर के, उनका ब्रेनवाश कर के,  उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज़ कराया गया।

गौरतलब है की गुरप्रीत के मुताबिक उनकी माँ की उम्र , उनके पिता का नाम , गुरप्रीत के बच्चों का नाम , दर्ज किये हुए केस में गलत लिखा गया है, जिससे ये बात साबित होती है की उनकी माँ को मोहरा बनाया जा रहा है। इस वक़्त उनकी माँ गुरप्रीत की बहन के साथ उनके घर रहती है। जब उनसे पुछा गया की प्रॉपर्टी के लिए उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज करने से क्या होगा तो वो बताते हैं की उनकी माँ के बाद प्रॉपर्टी उनके नाम होनी थी या उनके पोते के,  लेकिन पुरे परिवार पर केस करने के वजह से अब गुरप्रीत या उनके परिवार से कोई भी अब उस प्रॉपर्टी का हक़दार नहीं हो पाएगा और उनकी माँ को गुमराह कर के इस तरह से प्रॉपर्टी किसी और के नाम आराम से की जा सकती है।

ख़ैर माँ और कज़िन से बात ना होने के कारण उनके पक्ष की बात तो पता नहीं चल पाई यकीन गुरप्रीत की माँ की सोशल मीडिया एक्टिविटी देख के इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है की जिस तरह वो खुद को बेसहारा दिखा रहीं हैं असलियत में ऐसा कुछ नहीं है।

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